जो कभी खास थे वो यार ही 'राना' मेरे। मुफ़लिसी के आते ही वो हाथ उठा देते हैं।। जो कभी खास थे वो यार ही 'राना' मेरे। मुफ़लिसी के आते ही वो हाथ उठा देते हैं।।
मिल गया दिल-ए-'राना' तुम्हें। फिर क्या इसके सिवा चाहिए।। मिल गया दिल-ए-'राना' तुम्हें। फिर क्या इसके सिवा चाहिए।।